खनन क्षेत्र में सबसे बड़ी साइबर ठगी , डॉक्टर से 15.83 करोड़ की जालसाजी

रानीगंज। रानीगंज थाना के राम बागान डॉक्टर कॉलोनी के शिशु विशेषज्ञ चिकित्सा डॉक्टर अरुण शर्मा के साथ 15 करोड़ 83 लाख का साइबर क्राइम हुई है। खान क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। आसनसोल–दुर्गापुर पुलिस आयुक्ता के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी साइबर जालसाजी बताई जा रही है। साइबर अपराधियों ने रानीगंज के डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा, जो पेशे से एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं, को शेयर बाज़ार में निवेश का लालच देकर 15 करोड़ 83 लाख 90 हजार रुपये की ठगी कर ली।
सूत्रों के अनुसार डॉक्टर शर्मा को ‘मोनार्क VIP’ नामक एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़कर निवेश का झांसा दिया गया। 23 अक्टूबर को ग्रुप में उनकी सक्रियता के बाद उनसे एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने, व्यक्तिगत जानकारी साझा करने और ‘मोनार्क’ नामक ऐप डाउनलोड करने को कहा गया। 24 अक्टूबर 2025 को उन्होंने पहली बार 50,000 रुपये निवेश किए, जिसके बाद उनके अकाउंट में तेजी से रकम बढ़ती दिखाई देने लगी। ग्रुप एडमिन के रूप में खुद को अनुष्री शाह बताने वाली एक महिला ने SEBI पंजीकरण के फर्जी दस्तावेज दिखाकर भरोसा जीतने की कोशिश की।
24 अक्टूबर से 25 नवंबर 2025 के बीच डॉक्टर शर्मा ने लगतार निवेश करते हुए कुल 15.83 करोड़ रुपये जमा कर दिए। जब उन्होंने लगभग 200 करोड़ रुपये दिख रहे अपने ‘लाभ’ को निकालने की कोशिश की, तो उनसे 12.5 करोड़ रुपये अतिरिक्त ‘कमिशन’ मांगा गया। इसी समय उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की और फिर आसनसोल साइबर क्राइम थाना में लिखित शिकायत दी। मामले में FIR नंबर 77/25 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है इस कमिश्नरेट में इससे पहले सबसे बड़ी साइबर ठगी का रिकॉर्ड 3.68 करोड़ रुपये था, जबकि निवेश ठगी का पिछला रिकॉर्ड 2.53 करोड़ रुपये का था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि चीन, कोरिया, वियतनाम और बैंकॉक सहित कई जगहों से सक्रिय साइबर गिरोह अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर ऐसी जालसाजियां कर रहे हैं। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, इन गिरोहों से निपटने के लिए पुलिस को भी और उन्नत तकनीक अपनाने की जरूरत है।
पुलिस का कहना है कि उनका कार्य अपराध की जांच करना है, न कि सीधे तौर पर ठगी गई राशि वापस करवाना। बीते कुछ वर्षों में खान क्षेत्र में लगभग 50–60 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की घटनाएँ दर्ज हुई हैं, जिनमें से कुछ मामलों में पुलिस को आंशिक सफलता भी मिली है। अब देखना यह होगा कि इस विशाल राशि की बरामदगी में साइबर क्राइम विभाग कितनी सफलता प्राप्त कर पाता है।