
कोलकाता, 21 जुलाई 2025:
कोलकाता के धर्मतला में तृणमूल कांग्रेस द्वारा आयोजित वार्षिक 21 जुलाई शहीद दिवस रैली एक बार फिर राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन और विपक्षी एकता के आह्वान का मंच बनी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ओजस्वी संबोधन में देश की मौजूदा स्थिति पर तीखा प्रहार किया और कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, संविधान को कमजोर किया जा रहा है, और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर राज्यों की सरकारों को गिराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
ममता बनर्जी ने विशेष रूप से बंगालियों के खिलाफ हो रहे कथित राजनीतिक और सांस्कृतिक हमलों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि “बंगालियों की अस्मिता को कुचला जा रहा है, उनकी पहचान को मिटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। बंगाल अपने स्वाभिमान और संस्कृति के साथ खड़ा है और रहेगा।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह चुनाव आयोग और ईडी-सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को डराने और जनता की आवाज को कुचलने में लगी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “2026 में बंगाल से और 2029 में दिल्ली से भाजपा को हटाना ही अब लक्ष्य है।”
इस विशाल रैली में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी भावुक अंदाज में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “यह लड़ाई अब सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि देश की आत्मा और संविधान की रक्षा की है।” इसके अलावा, राज्य के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम, डॉ. शशि पांजा, चंद्रिमा भट्टाचार्य सहित अन्य नेताओं ने भी मंच से अपने विचार रखे।
सभा में लाखों की संख्या में समर्थक जुटे और पूरे धर्मतला क्षेत्र में उत्साह का वातावरण रहा। शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया और ममता बनर्जी ने कहा कि यह दिन न केवल शहादत की याद है, बल्कि संघर्ष का प्रतीक भी है।
यह रैली आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से तृणमूल कांग्रेस की रणनीति का स्पष्ट संकेत बन गई, जहां बंगालियों की अस्मिता, संविधान की रक्षा और केंद्रीय सत्ता के खिलाफ एकजुटता को मुख्य हथियार के रूप में प्रस्तुत किया गया।