
रानीगंज : ऐतिहासिक महावीर झंडा अखाड़ा इस वर्ष भी नहीं निकला

रानीगंज आंचल का लगभग 103 वर्षों पुराना ऐतिहासिक महावीर झंडा अखाड़ा इस वर्ष भी नहीं निकल सका। शहर में पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता अभियान चलाया गया।

विश्व हिंदू परिषद के राज्य समिति के उपाध्यक्ष मनोज सराफ ने कहा कि महावीर झंडा अखाड़ा का नहीं निकलना अत्यंत दुखद है। यह त्योहार रानीगंज की परंपरा और आस्था से जुड़ा है, जिसे राजनीति के तहत सुनियोजित तरीके से बंद करा दिया गया। उन्होंने कहा कि “103 बरसों का यह इतिहास है, आने वाले वर्ष में हम लोग फिर से इस अखाड़े को निकालेंगे, और जैसे पहले परंपरा के अनुसार निकलता था, वैसे ही निकलेगा।”

सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष अखाड़ा के मार्ग में जबरन परिवर्तन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसके बाद कमेटियाँ इससे अलग हो गईं। प्रशासन ने इस बार भी अनुमति देने की बात कही, परंतु कोई भी कमेटी आगे नहीं आई। इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन की ओर से रानीगंज पूरे शहर में चप्पा चप्पा पर पुलिस की पेट्रोलिंग आज सुबह से ही जारी है विशेष कर शाम के वक्त तो पूरा शहर ही छावनी के रूप में मानव तब्दील हो गया हो।

स्थानीय लोगों में इस परंपरा के बंद हो जाने को लेकर गहरा असंतोष व्याप्त है। यहां बता दें कि रानीगंज के महावीर अखाड़ा को देखने के लिए पूरे ग्राम अंचल से हजारों की संख्या में लोग दोपहर से ही आते थे करतब और महावीर यात्रा के स्वरूप को देखने के लिए पूरा शहर मेले में तब्दील हो जाता था यहां तक की महावीर अखाड़ा को उत्सव के रूप में नीलम समारोह मांगते थे इसलिए विशेष का सनातन धर्म के अनुयायियों में महावीर अखाड़ा के ना निकाले जान की वजह से विशेष रूप से असंतोष देखने को मिली।