रानीगंज में छठ महापर्व पर उमड़ा भक्ति का महासागर
घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे हजारों श्रद्धालु, हर ओर गूंजे छठ मइया के गीत

रानीगंज। आस्था और भक्ति का प्रतीक सूर्योपासना के महापर्व छठ की अनुपम छटा रानीगंज में देखने को मिली। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब शहर के विभिन्न जलाशयों और नदीघाटों की ओर उमड़ पड़ा। सिर पर पूजन सामग्री और फलों से भरी टोकरियाँ लिए नंगे पैर महिलाएँ और पुरुष पूरे श्रद्धाभाव से घाटों की ओर बढ़ते नजर आए।

बरदती तालाब, पंडित पोखर, बुर्जरबांध, जमुना बांध, राजा बांध, रानीसावर तालाब, शीतलदास तालाब और दामोदर नदी के तटों पर हजारों भक्तों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। दृश्य अत्यंत भावुक और भक्तिमय था — जिनकी मनोकामनाएँ पूर्ण हुईं, ऐसे कई श्रद्धालु ‘दंडवत’ करते हुए अपने घरों से घाटों तक पहुँचे।


सुरक्षा और व्यवस्था के दृष्टिकोण से प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। रानीगंज ट्रैफिक विभाग की ओर से घाटों तक जाने वाले मार्गों पर वैरिकेडिंग और रस्सी की घेराबंदी की गई थी। भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था पर प्रशासन की सतर्क निगाह रही।
छठ पर्व के अवसर पर राजनीतिक हस्तियाँ भी सक्रिय रहीं। रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी, बोरो चेयरमैन मुजामिल शहजादा, आसनसोल नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) दिव्येन्द्र भगत , बीजेपी के जिला कार्यकारिणी सदस्य रवि केसरी रानीगंज ब्लॉक अध्यक्ष शमशेर सिंह जिला प्रचारक दिनेश सोनी भी काफी सक्रिय थे और विभिन्न घाटों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं को छठ की शुभकामनाएँ दीं।

कई स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से व्रतियों के लिए दूध व पेयजल की व्यवस्था की गई थी। सामाजिक संस्था मॉर्निंग वॉकर योग ग्रुप, अग्रहरि समाज तथा रानीगंज भाजपा मंडल की ओर से सेवा शिविर लगाकर श्रद्धालुओं को चाय-पानी व अन्य सहयोग प्रदान किया गया। काली मंदिर कमेटी के सदस्य भी घाटों पर मौजूद रहकर सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहे।
घाटों को दीपों, फूलों और तोरण द्वारों से भव्य रूप में सजाया गया था। चारों ओर “छठी मइया के गीत” गूंज रहे थे, जिनकी मधुर लहरियों ने वातावरण को और अधिक पावन बना दिया। हर ओर भक्ति, आस्था और उल्लास का अनोखा संगम दिखाई दिया — सचमुच, रानीगंज में इस वर्ष छठ पर्व ने आस्था की ऐसी अद्भुत छटा बिखेरी, जो बरसों तक स्मरणीय रहेगी।