
“रामपुरहाट की धरती से प्रेम और समर्पण की मिसाल — पत्नी ने पति को लीवर दान कर दिया नया जीवन”
विशेष रिपोर्ट | विमल देव गुप्ता
रामपुरहाट की पुण्य भूमि पर एक ऐसी प्रेरक घटना घटित हुई है, जिसने पूरे समाज को रिश्तों की गहराई, समर्पण और सच्चे प्रेम की जीवंत मिसाल दी है। समाजसेवा, उद्योग और मानवीय मूल्यों से जुड़े परिवार बंधु तथा हमारे प्रिय आनंद जी, जो मेरे भी परिवार समान हैं, गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे थे। लीवर खराब हो जाने के कारण उनका इलाज पहले हैदराबाद और बाद में दिल्ली में हुआ, जहाँ डॉक्टरों ने तत्काल लीवर ट्रांसप्लांट की सिफारिश की।
ऐसे कठिन समय में, उनकी धर्मपत्नी ने अद्भुत साहस दिखाया। भावनाओं से भरकर उन्होंने डॉक्टरों से कहा:
“जब सात जन्मों तक साथ निभाने का संकल्प लिया है, तो जीवन के इस कठिन मोड़ पर अपने पति को नया जीवन देना मेरा धर्म है।”
उन्होंने अपना लीवर दान कर अपने पति की जान बचा ली।
यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था — यह सती अनसूया जैसी भावना, त्याग और सच्चे प्रेम की गाथा बन गया। आज के समय में, जहाँ अक्सर पत्नियों को मजाक में लिया जाता है, वहीं इस समाचार ने सिद्ध किया कि नारी शक्ति आज भी श्रद्धा और त्याग की मूर्ति है।
आज आनंद जी, जो मेरे भी अत्यंत निकट और अपने से लगते हैं, स्वस्थ होकर अपनी धर्मपत्नी के साथ जीवन के नए अध्याय की ओर बढ़ चुके हैं। काफी दिनों से संवाद भी नहीं हो पा रहा था, हम सभी चिंता में थे — लेकिन जब आज पुनः भेंट हुई, तो वह आत्मीय मुस्कान और जीवन की चमक देखकर मन गद्गद हो गया।
इस प्रेरक घटना ने न केवल एक परिवार को पुनर्जीवित किया, बल्कि समाज को अंगदान के महत्व और प्रेम के सच्चे स्वरूप से परिचित कराया।
निष्कर्ष में बस यही कहूंगा —
जो प्रेम में प्राण तक दे सके, वो रिश्ते अमर हो जाते हैं।
रामपुरहाट की इस धरती ने एक बार फिर दिखा दिया कि सच्चे रिश्ते आज भी जिंदा हैं।
🌸 सादर प्रणाम उस नारी को, और शुभकामनाएं हमारे परिवार बंधु आनंद जी को — जो अब एक नए उजाले के साथ जीवन को संवार रहे हैं। 🌸