
रानीगंज: पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहे हैं डॉ. रवि शंकर सिंह
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में रानीगंज मारवाड़ी सनातन विद्यालय के पूर्व शिक्षक डॉ. रवि शंकर सिंह ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। बरदही जलाशय के किनारे वृक्षारोपण करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक हम केवल अपने हित के बारे में सोचते रहेंगे, तब तक समाज का भला नहीं हो सकता। यदि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए सोचना है, तो पेड़-पौधे लगाना आवश्यक होगा।
डॉ. सिंह ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर दो पंक्तियों में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं –
“पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, हरियाली से रिश्ता निभाओ।”
उनका मानना है कि आज जो पर्यावरण असंतुलन की स्थिति में है, उसका एक प्रमुख कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है। ऐसे समय में हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना चाहिए।
अपने व्यक्तिगत प्रयासों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरे पास जमीन नहीं है, लेकिन मैंने अपने घर की छत पर ही बागवानी कर रखी है। एक ओर जहां फूलों की सुगंध मन को प्रसन्न करती है, वहीं दूसरी ओर घर की छोटी-सी छत पर उगाई गई सब्जियां और फल पर्यावरण के प्रति मेरे संकल्प का प्रतीक हैं।”
डॉ. सिंह का यह छोटा सा प्रयास समाज को एक बड़ा संदेश देता है—अगर इच्छा हो, तो पर्यावरण संरक्षण हर कोई कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि जब भी उन्हें समय मिलता है, वे अपनी बागवानी में व्यस्त हो जाते हैं, जिससे उन्हें आत्मसंतोष मिलता है।
डॉ. रवि शंकर सिंह का यह समर्पण न केवल पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर भी बड़े बदलाव की शुरुआत की जा सकती है।